मैंने उसे पेशाब करते हुए देखा... - पहले तो मुझे दुख हुआ, लेकिन उस घटना का सदमा अभी भी मेरे दिमाग में बैठा हुआ था, और मैं यह कहने से खुद को नहीं रोक सका, ``आप मुझे दोबारा पेशाब नहीं करने देंगे।'' - ' उसे इस तरह शर्मिंदा होते देखना उत्तेजना का स्रोत बन गया और मैंने उस असहाय महिला पर हाथ रख दिया। - - मैं इसे बाहर निकाल दूँगा...